
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जहां एक ओर श्री हनुमान जी के बड़े मंगल के उपलक्ष्य में श्रद्धालु भारी संख्या में मंदिरों और भंडारों में उमड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर चोरों का आतंक भी भक्तों की आस्था को चुनौती दे रहा है।
कामिनी शर्मा का 15 दिवसीय प्रवास: झाँसी से कानपुर तक मिला जनसमर्थन
कपूरथला अलीगंज में दिनदहाड़े वारदात
मंगलवार को अलीगंज के प्रगति बाजार के पास आयोजित भंडारे में भक्तों की लंबी कतारें लगी थीं। इसी भीड़ में, रणविजय त्रिपाठी नामक श्रद्धालु भंडारे का प्रसाद प्राप्त करने के लिए लाइन में खड़े थे। तभी, एक 10-12 साल का लड़का उनकी जेब में हाथ डालकर मोबाइल चुराने का प्रयास करता है।
सतर्कता से बचाया मोबाइल, मगर हुआ घायल
रणविजय जी ने जैसे ही जेब में हलचल महसूस की, तुरंत सतर्कता दिखाई और चोर का हाथ पकड़ लिया। खुद को फंसा देख बालक ने रणविजय जी की उंगली पर काटकर हमला किया और भीड़ का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गया।
हालांकि रणविजय जी ने अपना मोबाइल सुरक्षित रख लिया, लेकिन वे घायल हो गए। घटना राजधानी के पॉश इलाके में दिनदहाड़े हुई, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठते हैं।
भय साथ-साथ
श्री हनुमान जी के बड़े मंगल के अवसर पर राजधानी में कई स्थानों पर भंडारे और धार्मिक आयोजन हो रहे हैं। भक्तगण लंबी कतारों में खड़े होकर दर्शन और प्रसाद प्राप्त कर रहे हैं। परन्तु, भीड़ का फायदा उठाकर अपराधी तत्व भी सक्रिय हो रहे हैं।
प्रशासन पर उठे सवाल
इस घटना ने स्थानीय पुलिस और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं। जब राजधानी के सुरक्षित माने जाने वाले इलाकों में दिन में ऐसी घटनाएं हो सकती हैं, तो आमजन की सुरक्षा व्यवस्था कितनी कारगर है — यह चिंतन का विषय बन गया है।
जनता की मांग: सुरक्षा बढ़े, CCTV और गश्त हो दुरुस्त
स्थानीय लोगों का कहना है कि बड़े आयोजनों के दौरान पुलिस की संख्या, सीसीटीवी निगरानी और सिविल ड्रेस में सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाने चाहिए। प्रशासन से यह भी मांग की गई है कि आयोजकों के साथ मिलकर सुरक्षा प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए।
लखनऊ में भक्ति का माहौल जिस तरह चोरों के आतंक से प्रभावित हो रहा है, वह न केवल श्रद्धालुओं के लिए चिंताजनक है बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही को भी उजागर करता है। अब देखना होगा कि सुरक्षा व्यवस्था में किस तरह के सुधार किए जाते हैं।